I JAIN MY JAIN

                                  I JAIN MY JAIN

“A dive introducing Jain Ocean’s Various Glourious Pearls”

जय जिनेन्द्र !!

क्या आप चाहते हैं, कि आपका  बच्चा :-

  • जैन धर्म को जाने ? ?
  • सुसंस्कारित हो !?
  • टीवी मोबाइल से दूर रहे ??
  • आत्मविश्वास से ओतप्रोत हो !?
  • पूर्ण व्यस्न मुक्त हो ??

तो इन सभी का समाधान है I Jain My Jain

परिचय (Introduction)

वर्तमान की चकाचौंध कर देने वाली दुनिया में युवा पीढ़ी में जैन संस्कारों का अभाव नजर आ रहा है। उन संस्कारों को व नैतिक मूल्यों को युवा पीढ़ी को प्रदान किया जाए और जैन धर्म के आधारभूत तत्व की जानकारी देते हुए उन्हें जैन होने का गौरव ज्ञान कराया जाए, इसी मूल उद्देश्य को ध्यान में रखकर जिस शिविर का आह्वान आरुग्गबोहिलाभं द्वारा किया गया है, वह है आई जैन माई जैन

विजन (Vision)

युवा पीढ़ी में जैन संस्कारों का बीजारोपण जिससे यह संस्कार भविष्य में अंकुरित, पल्लवित, पुष्पित व फलित होकर शासन में, संघ में, समाज में, परिवार में एवं राष्ट्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाते हुए जिन शासन की भव्य प्रभावना कर सके।

मिशन  (Mission)

उच्च शिक्षित अध्यापकों व जैन विद्वानों द्वारा जैन संस्कार प्रदान करते हुए क्रमिक व ठोस विकास की ओर अग्रसर करना, जीवन उपयोगी नैतिक मूल्यों से अवगत कराना, जैन धर्म के मूलभूत तत्वों की जानकारी देना व युवा पीढ़ी को जैन होने का गौरव ज्ञान कराना।

उद्देश्य

  • जैन जीवन शैली।
  • जैन संस्कार निर्माण l
  • जीवन उपयोगी नैतिक मूल्यों का ज्ञान।
  • अनुशासनबद्धता, नियमितता व आत्मविश्वास को प्रकट करना।
  • जैनत्व संस्कृति का प्रचार व प्रसार।
  • जैन आधारभूत तत्वों व सिद्धांतों की जानकारी/ परिचय।
  • जैन धर्म का गौरव।
  • जिनशासन की भव्य प्रभावना

I  Jain My Jain जैन सामान्य जानकारी

  • यह एक अभिप्रेरित करने वाला (Inspiring) व ज्ञानवर्धक (Knowledge Based) कार्यक्रम है ।
  • उम्र सीमा 15 वर्ष से 28 वर्ष (केवल अविवाहित युवतियां)।
  • यह शिविर पिछले 4 वर्षों से (सन 2016) बीकानेर क्षेत्र में केवल बच्चियों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश (मई-जून) से समय में लगभग 9 दिनों के लिए संचालित होता आ रहा है।

II शिविर प्रारंभ होने से पूर्व

    1. a) शिविर प्रारंभ होने की जानकारी व प्रवेश :­-
      • शिविर प्रारंभ होने के लगभग 2 माह पूर्व सभी स्थानीय संघों को व्हाट्सएप, पत्रिकाओं आदि के माध्यम से शिविर की सूचना प्रेषित की जाती है व ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
      • 200 आवेदन प्राप्त होने के पश्चात एडमिशन विंडो बंद कर दिया जाता है व उन आवेदनों में से मात्र 50 विद्यार्थियों का योग्यता अनुसार चयन किया जाता है।
    2. b) यात्रा प्रबंधन (Travelling Arrangement)
      • चयनित विद्यार्थियों (students) को थ्री टियर एसी ट्रेन या एसी स्लीपर बस (जो भी विद्यार्थी को सुविधाजनक हो) का आने जाने का टिकट बनाकर भिजवाया जाता है।
      • यात्रा के दौरान सुरक्षा, भोजन, पानी आदि का पूरा ध्यान रखा जाता है।

III शिविर के दौरान

  1. a) आवास व भोजन व्यवस्था
  • शिविर का संचालन वातानुकूलित अतिथि गृह (AC Based Guest House ) में किया जाता है।
  • प्रत्येक कमरे (Standard Size) में 4 शिविरार्थी रहते हैं।
  • शुद्ध व सात्विक भोजन प्रदान किया जाता है।
  1. b) सुरक्षा
  • शिविरार्थीयों की सार संभाल हेतु व घर जैसा वातावरण प्रदान करने हेतु वार्डन नियुक्त की जाती है।
  • भवन में संस्था द्वारा नियुक्त केवल महिलाएं ही अपना आई कार्ड (ID Card) दिखाकर प्रवेश कर सकती है।
  • अन्य बाहरी व्यक्ति, पुरुष व महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है।
  • भवन में अग्निशामक यंत्र (Fire Alarm System) की समुचित व्यवस्था रहती है।
  • भवन के बाहर दो सिक्योरिटी गार्ड 24 घंटे सातों दिन (24X7) नियुक्त रहते हैं।
  1. c) स्वास्थ्य देखभाल (Health Care)
  • भवन में 24 घंटे सातों दिन (24X7) कुशल व प्रशिक्षित चिकित्सक (होम्योपैथी व एलोपैथी) उपलब्ध रहते हैं।
  • First Aid Kit वार्डन के पास उपलब्ध रहती है।
  1. d) अध्यापक प्रबंधन (Teacher Management)
  • उच्च प्रशिक्षित व जैन विद्वानों की नियुक्ति की जाती है।
  • शिक्षकों को आईडी कार्ड से ही भवन में प्रवेश अनुमति दी जाती है।
  • शिक्षकों का निर्धारित गणवेश होता है।
  • प्रेरक वक्ताओं का सेमिनार आयोजित किया जाता है।
  1. e) शिविर के चरण व गणवेश (Motivational speaker)
  • शिविर तीन चरणों में संचालित होता है प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण।
  • प्रत्येक चरण के शिविरार्थी का अपना एक गणवेश होता है।
  • जो शिविरार्थी प्रथम चरण उत्तीर्ण करते हैं, उन्हें अगले वर्ष द्वितीय चरण में प्रवेश प्राप्त होता है। इसी तरह द्वितीय चरण उत्तीर्ण करने पर अगले तृतीय चरण में प्रवेश प्राप्त होता है।
  1. f) दिनचर्या
  • शिविरार्थीयों की निर्धारित दिनचर्या होती है उसकी पालना प्रत्येक को अनुशासनात्मक व नियमित रूप से करनी होती है।

IV शिविर समापन

  • सभी शिविरार्थीयों को शिविर के चरण अनुसार I JAIN MY JAIN CERTIFICATE (IJMJ Certificate) प्रदान किया जाता है।
  • शिविर के समापन या अंतिम दिवस पर बीकानेर शहर के किसमीदेसर क्षेत्र में स्थित प्राचीन पद्धति से बने हुए प्राकृतिक व ग्रामीण वातावरण से परिपूर्ण शांति दायक मन को प्रफुल्लित करने वाले आश्रमनुमा आवासीय गुरुकुल आरुग्गबोहिलाभं (गुरुकुल, लाइब्रेरी, गौशाला, रसोईघर आदि) का दर्शन कराया जाता है।
  • तत्पश्चात सभी शिविरार्थीयों अपने-अपने घर सुगम यातायात साधन के द्वारा सुरक्षित रूप से घर पहुंचाया जाता है।

 

Be ready for inspirational life………..

***बच्चा आपका, हमारा व संघ का अमूल्य धन है उसे सुसंस्कारी बनने हेतु  IJMJ शिविर में अवश्य भेजे। ***