अध्ययन व्यवस्था

अध्ययन व्यवस्था

आरुग्गबोहिलाभं में अध्ययन व्यवस्था से संबंधित वर्गीकरण किए गए है | उनमें संवेग शाला व निर्वेद शाला मुख्य हैं | दोनों ही शालाओं का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है | अध्ययन की सुविधा और प्रवेशार्थी के अपने संकल्पों के आधार पर इन संकायों में वर्गीकरण उनके अध्ययन शैली को बनाए रखता है | संक्षिप्त में विवरण इस प्रकार है –

  • संवेग शाला –

संवेग शाला आरुग्गबोहिलाभं की शीर्ष शाला है | इस वर्ग में मुख्य रुप से वे अध्ययनार्थी प्रवेश ले सकते हैं जिनके संकल्प मुमुक्षुत्व भाव के लिए जाग्रत हो I संवेग शाला में साध्वाचरण की बिंदु मात्र का परिचय कराया जाता है | ज्ञान के साथ आचरण का दृढ़ता से पालन किया जाता है |

  • निर्वेद शाला –

निर्वेद शाला के अंतर्गत वे अध्ययनार्थी प्रवेश ले सकते है जो ज्ञान ध्यान सिखने के साथ ही साथ जैन सुसंस्कारों से लाभान्वित होना चाहते है I

 

इस दोनों ही वर्गों में सत्पुरुषो का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त होता है |